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Haryana Cotton Anudan Yojana – कपास की खेती पर ₹2000 की आर्थिक सहायता

Haryana Cotton Anudan Yojana – कपास की खेती पर ₹2000 की आर्थिक सहायता















स्कीमः- हरियाणा में कपास की खेती को बढावा देना। मदः- सूक्ष्म पोषक तत्वो व एकीकृत कीट प्रबंधन को बढावा देना। हरियाणा की खरीफ की नकदी फसलों में कपास का महत्पूर्ण स्थान है। प्रदेश के 17 जिलो में कपास की खेती की जा रही है। कपास में मुख्य रूप से बी0टी0 हाईब्रिड किस्मो की बिजाई की जा रही है। कपास की अधिक पैदावार लेने के लिए उन्नत किस्मों को सही समय पर बोने, उपयुक्त खाद देने व समय पर पौध संरक्षण उपाय अपनाने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये। बी0टी0 कपास की बिजाई का सर्वोत्तम समय 15 अप्रैल से 30 मई है। बी0टी0 कपास की बिजाई के लिए कतार से कतार की दूरी 67.5 सै.मी. तथा पौधे से पौधे की दूरी 60 सै.मी. रखनी चाहिए (या) कतार से कतार की दूरी 100 सै.मी. व पौधे से पौधे की दूरी 45 सै.मी. रखनी चाहिए। पूर्व से पश्चिम की दिशा में कतारों में बोई गई कपास उत्तर से दक्षिण दिशा में बोई गई कपास के मुकाबले अधिक पैदावार देती है। यह पैदावार बढ़ाने का एक अच्छा साधन है। बिजाई के दो-तीन सप्ताह बाद कतारों में पौधों के सिफारिश किए आपसी फासले को ध्यान में रखकर जितने भी फालतू रोगग्रस्त/कीट प्रभावित व कमजोर पौधे हों उन्हें निकाल दें। एक जगह पर एक ही पौधा रखें। पौधों की छंटाई पहली सिंचाई से पहले पूरी कर लेनी चाहिए। कपास की अच्छी पैदावार लेने हेतू खाद, निराई-गुराई, सिंचाई, चुनाई, कीड़े व बीमारियों के प्रबंधन से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा प्रकाशित खरीफ फसलों की समग्र सिफारिशों अनुसार प्रबंधन करे। उद्देश्य कपास की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वो का छिड़काव। कपास की फसल में एकीकृत कीट प्रबंधन। स्कीम का कार्य क्षेत्र यह स्कीम हरियाणा के कपास उत्पादक जिलो सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जीन्द, रोहतक, झज्जर, नारनौल, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, गुरूग्राम, रेवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, पानीपत, सोनीपत व कैथल मे लागू की गई है। 


अनुदान के लिए दिशा-निर्देश

  • 1. अनुदान प्राप्त करने के इच्छुक किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत करे।
  • 2. मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत उपरान्त किसान विभाग के पोर्टल पर अपनी कपास की फसल का ब्यौरा देगा।
  • 3. सूक्ष्म पोषक तत्वो व एकीकृत कीट प्रबंधन को बढावा देने के लिए किसान को 50 प्रतिशत या अधिकतम 2000/- रुपये प्रति एकड़, जो भी कम हो, का अनुदान दिया जायेगा।
  • 4. एक किसान को अधिकतम 2 एकड़ के अनुदान का लाभ दिया जायेगा।
  • 5. किसान उपरोक्त मद में प्रयोग होने वाली कृषि साम्रगी चैधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार की समग्र सिफारिशों के अनुसार सरकारी/अर्ध सरकारी/सहकारी समिति या अधिकृत विक्रेता से खरीदकर विभाग के पाॅर्टल पर अनुदान के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वो व एकीकृत कीट प्रबंधन के बिल अपलोड करेगा।
  • 6. कपास के क्षेत्र व बिलो की जांच उपरान्त अनुदान की राशि का स्थानांतरण बैंक के माध्यम से सीधा किसानों के खाते में कर दिया जायेगा।
  • 7. अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों से सम्पर्क करें।


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